________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir // 105 // संहितोऽअखप्नजौसत्रसदौचदेवौ // 55 // उत्तिष्टुब्रह्मणस्प्पतेदेवय / उ. अ. न्तस्त्वेमहे // उपप्पयन्तुमरुतःसुदानवऽइन्द्रप्पाशूर्भवासा // 3 // ॥५६॥प्रनूनम्॥पनूनम्ब्रह्मणस्पतिर्मन्त्रंबदत्युक्त्थम्॥यस्म्मि / निन्द्रोबरुणोमित्रोऽअर्यमादेवाऽओकासिचक्रिरे // 57 // ब्रह्मणस्प्पते॥ब्रह्मणस्प्पते॒त्वमस्ययन्तासूक्तस्यबोधितनयञ्चजि / व // विश्चन्तद्भु,य्यदवन्तिदेवावृहदेमविदथेसुवीरा // यs: // 105 // इमाविश्चाविश्वकर्मायोन पितानपतेन्नस्यनोदेहि // 58 // For Private And Personal