________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. 6 . . उ. अ. पाऽअरि॥ तिरश्चिदुर्येरुशमेपवीरवितुभ्येत्सोऽअंज्यतेरयिः / / // 82 // अयसहस्रम्॥ अयन्सहसमृपिभित्सहस्कृतत्समुद्रऽ // 33 // / ईवपप्पथे॥ सत्यश्सोऽअस्यमहिमागृणेशवौयुज्ञेपुविष्प्रराज्यै // // 83 // अदब्धेभिल्सवितः / पायुभिष्व शिवेभिरद्यपरिपाहिनो / गर्यम्॥हिरण्ण्यजिबल्सुवितायनव्य॑सेरक्षामाकिन्नॊऽअपशब्स / ईशत // 84 // [15] आनः // आनौयज्ञन्दिविस्पृशंक्वायोयाहि / / सुमन्मभिः // अन्तश्पवित्रऽपरिश्श्रीणानोयशुकोऽअयामि For Private And Personal