________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsur Gyanmandir परिस्रुताघृतम्मधुच्यन्त्वाज्यस्यहोतयंज // 40 // [12] होता दुश्चिनौछागस्य / बुपायामेदसोजुषेताहविर्होतयंज // हो तायात्सरखतीम्मेषस्यवपायामेदसोजुषताहविर्होतयं // होतोयादिन्द्रमृषभस्यवपायामेदसोजुषताहविर्होतयं // 3 In41 // होतायक्षदुश्चिनौसरखतीम् // होतायक्षदुश्चिनौसरख / तीमिन्द्रसुत्राणिमिमेसोमाह सुरामाणश्छागैर्नमेषैषभैसु / ताशष्ष्पैनतोक्र्मभि जैर्महखन्तोमदामासरेणपरिष्कृताशा SEPARADORES D E For Private And Personal