________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir ***USASLARI KIRANA34064 ताघृतम्मधुच्यन्त्वाज्यस्यहोतर्यजं ॥३७॥होतायक्षत्सुरेन्स मृषभम् // होतायक्षत्सुरेतसमृषभन्नापसन्त्वष्टारमिन्द्रमश्चि / / नाभिषजन्नसरखतीमोजोनजूतिरिन्द्रियंबृकोन!भुसोभिषग्य | शुल्सुरैयाभेषजश्रियानमासरम्पयत्सोमः परिस्रुताघृतम्मधु च्यन्त्वाज्यस्यहोतयंज // 38 // होतायावनस्पति शमिता / / रैम् // होतायक्षवनस्पतिशमिता शतऋतुम्भीमन्नमुन्न्यु। राजानंध्याग्घ्रन्नमसाश्चिनाभामह सरखतीभिषगिन्द्रायदुहऽ इ म यस्यहोतयंजनमासम्पयन्सोमानरंभसोभिषयमा For Private And Personal