________________ Svi Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. // 32 // KAROKARKAKACACANSAL बेनस्तत्॥नस्तत्पश्यन्निहितङ्गुहासद्यविश्वम्भवत्येकनीडम्॥ उ. अ तस्मिन्निद सञ्चविचैतिसदसऽओतप्रोतश्चबिभूप्प्रजासु // // 8 // प्रतत् // प्रतवोचेदुमृतन्नुविद्वान्गन्धर्वाधामभृितहास है। त् // त्रीणिपदानिनिहितागुहास्युयस्तानिबेदुसपितुपतासत् // // 9 // सनः॥ सनोबन्धुजनितासबिधाताधामानिवेदुभुवनानि / / विश्वायत्रदेवाऽअमृतमानशानास्तृतीयेधामन्नद्यैरयन्त॥१०॥ परीत्यंभूतानि / परीत्यलोकान्पुरीत्साहप्पदिशोदिशश्च // For Private And Personal