________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobaith.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandit उ. अ. // 28 // // 57 // होत्यक्षत्वष्टारमिन्द्रम् // होतायक्षुत्वष्टारमिन्द्रन्देवम्भुिषज सुयजङ्कृतश्रियम् // पुरुरूपन्सुरेतसम्मघोनमिन्द्रीयुत्वष्टादधा / दिन्द्रियाणिवेत्वाज्यस्यहोतयंज // 9 // होतायावनस्पति शमितारम्॥होतायावनस्पति शमिता शतऋतुन्धियोजो / शिष्टारमिन्द्रियम् // महासमञ्जन्पथिभिःसुगेभिल्खदातियज्ञम्म धुनाघृतेनुक्वेत्वाज्यस्यहोतयंज // 10 // होतायादिन्द्रखा / / हो // होत्यादिन्द्रुष्ठंखाहाज्यस्युखाहामेदसत्खाहास्तोका // 57 // For Private And Personal