________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. // 26 // KANGANAGANAGAR नवामहे॥११॥यद्वाहिष्टुम् ॥यवाहिष्ठन्तदुग्नयेबृहदचब्विभाव उ.अ. सो॥ महिषीवत्वगुयिस्त्वद्वाजाऽउदीरते॥१२॥ एहि // एहयु / पुबाणितेग्नंऽइत्थेतरागिरः॥ एभि सऽइन्दुभिः॥ 13 // ऋतवस्ते // ऋतवस्तेयुवितन्वन्तुमासारक्षन्तुतेहविः // संवत्स रस्तैय॒ज्ञन्दधातुनहप्पुजाञ्चपरिपातुन॥१४॥ उपढरेगिरिणाम्॥ उपह्वरेगिरीणासङ्गमेचनदीनाम्॥धियाविप्रोऽअजायत॥१५॥ [15] उच्चाते // उच्चातैजातमन्धसोदिविसद्भुम्म्यादंदे॥ उग्ग्रा // 48 // For Private And Personal