________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir // 21 // BORRERASHUSHOGAISAIPICHIG है देवारुद्रापञ्चदुशेस्तुताः॥बृहतायशंसाबल हुविरिन्द्रेश्वयौदधुः / उ.अ. // 24 // वर्षाभिनादित्यास्तोमेसप्तदशेस्तुता? // वैरूपेणवि / शौजसाहविरिन्द्रेव्वयौदधुः // 25 // शारदेनऽऋतुना / देवाएं कवित्शऋभवस्तुता // वैराजेनश्श्रियाश्श्रियहुविरिन्द्रेश्वयोद। धुः // 26 // हेमन्तेनऽऋतुना / देवास्त्रिणवेमरुतस्तुता // बले / नशक्करील्सहोहविरिन्द्रेश्वयोदधुः // 27 // शैशिरेणऽऋतुना / " देवास्त्रयस्त्रिशेमृतास्तुता? // सत्येनरेवतीक्षत्रम्हविरिन्द्रेश्वयो / 6 For Private And Personal