________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir RELAICOURQUARIULATORRUARMACORPORRORT वैशाखमाहात्म्य अध्याय 9 // चोत्तरजन्मनि // 12 // भैष्म्यांकृष्णान्महाविष्णोःप्रद्युम्नाख्योभविष्यति // वरिष्यसित्वंचशापाब्रह्मणःशंबरालये // 13 // प्रद्युम्नाख्येनतेपत्यासंगति-॥ ईश्वभविष्यति // इत्युक्त्वाविररामाथवाणीचाकाशगोचरा // 14 // श्रुत्वाता तुनिवृत्ताऽभून्मरणेकृतनिश्चया // ततोदेवाःसमाजग्मुःस्वार्थेकामेहतेहरात् // // 15 // रत्याइष्टंप्रकुर्वाणागुर्विद्राग्निपुरोगमाः // तांतेनिवर्तयामासुर्वरेणमहतासती॥१६॥ अनंगोऽपिभवेत्सांगोरतेतवाक्षिगोभवेत्।। इतितांविनिवा-5 शुधर्मचोपदिदेशिरे॥१७॥पूर्वकल्पेत्वयंराजासुंदराख्योमहाप्रभुः॥ त्वमेवपत्नी तत्रापिरजःसंकरकारिणी॥१८॥तेनेयंचदशाऽभूत्तेकुर्विदानींचनिष्कृति // मं दाकिन्यांतुवैशाखेप्रातःस्नानंतथाकुरु॥ 19 // मधुसूदनमभ्यर्च्यकथांदिव्यां ರ್ಪಸ್ತಜನಜನಜನಜನಜನಕನಳನಳನಳಡಿ For Private and Personal Use Only