________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir REARRIPOORKERRORRORMERARSARASOORAGLAND // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 8 // लेतामताडयत् // ततोऽभवन्महाकायोवीरभद्रोमहावलः // 51 // सहस्रवा हुरभवत्कालांजनसमप्रभः // वद्धांजलिपुटःस्थित्वाव्याजहारहरंतदा // 52 // // एक मत्सृष्टिस्तुयदर्थतेतदर्थेमांनियोजय // इत्युक्तःप्राहतंक्रुद्धोधूर्जटिस्तंपुरःस्थि-टि सतं // 53 // हनमन्निंदकंदक्षयदर्थमत्प्रियामता // भूतसंघास्तुगच्छंतुसहै- IS तेनमहात्मना // 54 // इत्यादिष्टाभगवताययुर्दक्षसभांद्रुतं // जघ्नुःसर्वा- दि न्महावीरान्देवासुरनरादिकान् // 55 // पूष्णश्चहसतोदंतान्जटाभूश्च | बभंजह // श्मश्रूण्युत्पाटयांचक्रेभृगोस्तस्यदुरात्मनः // 56 // यद्यदास्फा लितंपर्वतत्तच्चिच्छेदवीर्यवान॥ ततोदक्षशिरोहर्तवहृद्योगंचकारसः // 57 // शमुनिमंत्रप्रगुप्तंतुनैवकंततितबलात् // हरोज्ञात्वातुचिच्छेदस्वयमेवदुरात्मनः / PleasTereETERJEJeereness For Private and Personal Use Only