________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir KARVARUARURRENEURRORPOURSURRORTERRORRUAR // वैशाखम अध्याय 5 // ह्माणंजनयामासवैराजंपुरुषाद्वयम् // तस्मिन्ससजभगवान्भुवनानिचतुर्दशा श६॥ भिन्नकर्माश्रयप्राणिसंघांश्चविविधान्बहून् // त्रिगुणांप्रकृतिलोकेमर्यादा श्चाधिपांस्तथा // 7 // वर्णाश्रमविभागांश्चधर्मक्तृप्तिंचसोऽकरोत् // वेदैश्चतु। मिस्तंत्रैश्चसंहितास्मृतिभिस्तथा // 8 // पुराणैरितिहासैश्चस्वाज्ञारूपैर्महेशश्वरः // ऋषीन्प्रवर्तकांश्चक्रेधर्मगुप्त्यमहाप्रभुः // 9 // तैःप्रवर्तितधर्मास्तुवर्णा- 18 र श्रमविभागशः॥प्रजाःश्रद्दधिरेसर्वाःस्वोचितान्विष्णुतोषदान् // 10 // तांश स्तुप्रवर्तमानांस्तुस्वाश्रयान्द्रष्टुमीश्वरः // हृदिस्थोऽप्यव्ययःसाक्षाद्विभीषार्थ || ले परीक्षया // 11 // अनूनान्कुशलान्यत्रधर्मान्कुर्वतिवैप्रजाः // सकालःकोभA वेद्विवन्नितितंचिंतयन्प्रभुः // 12 // वर्षाकालोमयासृष्टःसीदंत्यस्ताइमाःप्रजाः // ಈಜನಜನಜನಜಹತಜನಜನಜನಜನಜನಜನಜನನುಡಿ For Private and Personal Use Only