________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 23 // लावायसाश्चैवसारमेयाश्चनित्यशः // 87 // गृहस्थानांदयापा–प्रत्यहंबलिभोजिनः // यःशक्तोनोरेत्पोष्यंरोगाद्युपंहतंयदि // 88 // सोऽध पतेनसंहै देहइतिवेदविदांमतं // भर्तारमेकंजगतांहिकर्ताकृत्वात्मनापातिसमस्तजंतून // 89 // दारादिरूपव्यपदेशतोहरिस्तस्मात्तदाज्ञाखलुपोष्यरक्षा // तां श पोष्यरक्षांपरिदृत्यजंतुर्दैवेनकृप्तांयदिवर्ततेऽन्यधीः // 90 // सएवद्रोग्धासकलस्यहंताकीनोंशलोकनितरांप्रयाति // कर्तव्यत्वाद्दयालुत्वादीनामुद्धरदुर्म-5 तिं // 91 // इतितस्यावचःश्रुत्वादुःखार्तायागृहेस्थितः // निश्चक्रामगृहात्तू- M वर्णपद्मबंधुर्दयानिधिः // 92 // किमेतदितिताप्राहपुत्रःसर्वन्यवेदयत् // सतु 1 श्वानः / 2 पीडितं / 3 त्यक्त्वा / 4 यमलोकं / For Private and Personal Use Only