________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir HIROEARNAMASTROLARGONSOURCURREASURROREORIA // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 20 // मा तत्क्षेत्रवासिनांपुण्यकर्मणांचद्विजन्मनां // 9 // नारीनराःक्षत्रियाश्चवैअश्याःशूद्राःसहस्रशः // प्रातःस्नात्वासमभ्यय॑मधुसूदनमव्ययं // 10 // कथांशवंतिसततंजयंतेनसमीरितां // शुचिभूतामौनधरावासुदेवकथारताः // ॥११॥वैशाखधर्मनिरतादंभालस्यविवर्जिताः // तांसभांचप्रविष्टोऽहंतत्कौ-18 तुकदिदृक्षया // 12 // सोष्णीषेणमयाम नमस्कारोऽपिनोकृतः // तांबू-12 लंचंदनंदेहेकंचुकंचमयाघृतं // 13 // कथाविक्षेपमकरवंलोकवार्ताभिरंजसा॥ सर्वेषांचित्तचांचल्यमभूद्वैलोकवार्तया // 14 // क्वचिहासःप्रसार्याक्वचिन्निं-18 दन्क्वचिद्धसन् // एवंकालोमयानीतःकथायावत्समाप्यते // 15 // पश्चात्तेA नैवदोषेणसद्योऽल्पायुर्विनष्टधीः // संनिपातेनपंचत्वंप्राप्तोऽहंचपरेदिने॥१६॥ For Private and Personal Use Only