________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir APOOR AURITUAISGARLOURLIAMENTunguASURROUNLODA // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 3 // योदद्यात्कंबलंराजन्वैशाखमाधवप्रिये // अपमृत्योःकालमृत्योर्मुक्तोजीवतिवै या शेतं // 18 // दद्यात्सूक्ष्मतरंवत्रंद्विजेंद्रेघर्मकर्शिते // पूर्णमायुरवाप्नोतिपरत्रह चपरांगतिं // 19 // अंतस्तापहरंदिव्यंकपरंतुद्विजातये // दत्वामोक्षमवानोतिदुःखशांतिंचविंदति // 20 // कुसुमानिचयोदद्यात्कुंकुंमंचद्विजातये // सार्वभौमोभवेद्राजासर्वलोकवशंकरः // 21 // पुत्रपौत्रादिभोगांश्चभुक्त्वामो- हि सक्षमवाप्नुयात् // त्वगस्थिगतसंतापंसद्योहरतिचंदनं // 22 // तापत्रयविनि-S आर्मुक्तस्तद्दत्वामोक्षमाप्नुयात् // उशीरचंपकैलाभिर्योदद्याहासितंजलं // 23 // ससर्वभूतेषुराजेंद्रसतुदेवसहायवान् // पापहानिंदुःखहानिप्राप्यनिर्वृतिमाप्नुयात्।। ___ 1 वर्षाणीतिशेषः / 2 काश्मीरज / 3 सुर्ख / ಇಜನಜನಜನಜನಜನಕನಸಿನಕನಕಜನಜನಕನು For Private and Personal Use Only