________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir PRIORGUARUARYACURRIERRORATORGARAROORNSURROUDEL // वैशाखमाहात्म्य अध्याय 14 / / महतावृतः॥४॥ संपद्धानिमवापासौकालेनकियताऽनघ॥ हयागजामूतियाता महारोगेणपीडिताः // 5 // दुर्भिक्षमतुलंचासीन्निर्मानुषविधायकं // राज्य कोशस्तदाचासीद्गजभुक्तकपित्थवत् // 6 // बलहीनंनृपंज्ञात्वाकोशराष्ट्रविवर्जितं // तंजेतुमेषसमयइतिनिश्चितमानसाः // 7 // आजग्मुःशतशोभू-IS पाविषयंतस्यभूपतेः // जिग्युर्युद्धेचतंभूपंपांचालविषयाधिपं // 8 // परा-2 जितस्ततोराजाविवेशगिरिगहरं // शिखिन्याभार्ययासाकंधात्र्यादिगणसंयु तः॥९॥ अज्ञातपद्धतिश्चान्यैर्बहुदुःखसमाकुलः // त्रिपंचाशत्समानीतास्तसनराज्ञानिलीयता // 10 // चिंतयामासभूपालःकिमेतदितिभूरिशः // क-1 शर्मणाजन्मशुद्धोऽहंमातापितृहितेरतः // 11 // गुरुभक्तःसदाक्षिण्योब्रह्मण्यो / For Private and Personal Use Only