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रसराज महोदधि । अबरख मारनेकी दूसरी विधि.
अबरख लेकरके कूटै तब मूलीके रसमें १५ दिन रक्खै फिर गुरमें खल करके फूंकदे फिर मूलीके रसमें १५ दिन रक्खै फिर हुरहुरके रसमें १५ दिन रक्खै फिर कलमीसोरामें खल करे फिर गुरमें १५ दिन खल करै तब कपड़मिट करिके फूँकदे इसी तरह चार दफे फूंके तो सब रोग हरै अनोपान मुवाफिक. शंखिया मारन विधि.
शंखिया एक तोला लेकर मुरईकी राख आधा सेर एक हंडी लेकर हंडीके अन्दर आधी राख रक्खै तब शंखिया रक्खै और जो आधी राखहै उससे ढांक दे फिर हाथसे दबादे हंडीके ऊपर ढकना रखकर कपडमिट करके चूल्हे पर रखके एक दिन चिराग की टेम सम आँचदे तब शुद्ध होय खुराक आधा चावल श्वास कास दमा शीतज्वर पित्तज्वर अनोपान मुवाफिक सब रोग हरै. दूसरी विधि.
पापडखार चारतोला शंखिया एक तोला लेकर मिट्टीकी एक ढकनी लेकर उसमें आधा पापडखार रखना तब शंखियारखना फिर दूसरे ढकनेसे ढांक देना. कपडमिट करके सुखायके आधामन गोबरीमें फूंकदे फिर रोगीको देख कर बल विचारके दे आधा
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