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रसराज महोदधि। (३९) त्तम होय जिसका कोठा शर्द होय उसको गर्म करै और जिसका गर्म होय उसका नर्म करै.
यंत्र २८
यह यंत्र एक
- नलीकाहै कि सी तरहका
अर्क खींचना होतो इसीतर
हसे खींचैधनियाँ पाव भर
कासनीका बीज पाव भर
पुदीना पाव भर गुलाबके
- फूल पावभर सौंफ पावभर शकर एक सेर ये सब एक घड़ामें डालके शामको एक मन पानी डालके रखदे सबेरे अग्नि जरावै मधुरी आंचदे अर्क निकले सो शीशी रखदे ॥ गुण ॥ करेजेकी गर्मीको तर करताहै उलटीको रोकताहै इन्द्रीको साफ कर देताहै गर्म मिजाज पालेको बहुत फायदा करता है भूख लगाताहै सब रोगोंको हरताहै जो किसी दवाईका अर्क खींचना होतो डबल नली या एक नलीसे खींच लेये.
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