________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्रीगणेशाय नमः । वैद्यक रसराजमहोदधि।
वन्दना।
दोहा। उमा महेश गणेश गुरु, ब्रह्मा विष्णु फणीश। भगवानदासकरजोरिकहै, कृपाकरहुजगदीश॥ विष्णुरूप हियमें धरौं, करौं गुरूकोध्यान॥ सरस्वती उर धारिक, रचौं ग्रंथ परमान ॥ जग कारज कल्याणहित, वैद्यक अमृतरूप॥ धन्वंतर वैद्यक किये, औषध अमृतरूप ॥ कहा फारसी वैद्यक, जिसमें वैद्यकसार ॥ रसराजमहोदधिकहाँ, वैद्यक भाषिविचार॥ विविधभांति सुमिरण करौं,शिवचरणनकी आस॥ सर्वद्विजन आशीशके, सुजन पुरुषकी आस ॥ मुन्शी भगवान प्रसादके, चरणन करौं प्रणाम। वैद्यकग्रंथविरचितकियो, भगवानदासहैनाम॥ जगतमही परकाशहै, विधिहरिहरहै नाम॥ ऐसे उस जगदीशको, बहुविधिकरौं प्रणाम॥
For Private and Personal Use Only