________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(१७८) रसराज महोदधि। पर एक घंटा मालिश करना फिर गरम पानीका सेंक करना. पानीका भाफ देना जितना पानीके भाफसे सेंक करैगा उतना रोग दूर होगा इसी विधि प्रमाण से पन्द्रह दिन सांझ सबेरे जो करेगा तो शीतपित्तकी जो गाँठि रहती है सो दूर होजायगी रोगी नीरोग हो जायगा सही यह कुछ कड़ी दवा नहीं है.
अथ शीतपित्तके खानेकी दवाउसबा मगरबी सात तोले सनाय पत्ती अढ़ाई तोले सौंफ अढ़ाई तोले विसपैज दो तोले सहदरा दो तोले लालचन्दनका चूर्ण एक तोले मिश्री सात तोले सब दवा मिलायके कूटि कपडछान करिके सात तोले शहद मिलायके रोगीका बल देखिके इकइस दिन तकखानेको देय तो शरीर भरेके खूनको साफ करि देगा खराब खूनको दूर करैगा नवाखून पैदा करेगा शीत पित्तकी जड़ दूर होगी रोगी निरोग हो जायगा.
अथ शीतपित्तमें पथ्य_ चावल मूंग कुलथी करेला पोईशाक गरम पानी पित्त कफ नाशक औषध ये सब शीतमें पथ्य हैं.
अपथ्य. स्नान करना घाम खटाई भारी अन्न ये रोगमें अपथ्यहैं शीत में पहिले उलटी जुलाब देना पीछे आगलका दवा करना सेकना.
For Private and Personal Use Only