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रसराज महोदधि ।
( १५५ )
महावीरकी जो रहै कान पीरकी अजनी पुत्र कुमारी वायें पुत्र महाबलको मारि ब्रह्मचारि हनुमंताई नमो नमो दोहाई महावीरकी जो रहै पीर मुंडकी. प्रेतका मंत्र
तुममाया मोहिता सर्वे ब्रह्मा त्रिपुरैकसः तुमजानंगतः देवी प्रचंड त्रिशूलधारिणी ।। साकला होम करै भूतदूरहो. सनाय खानेकी विधि. शहदके साथ सनाय जो कोई खावै. बल होय अतुल्य जो नव मासा पावै. सक्करके साथ सनाय जो खावै. छाती को दर्द और सुस्ती मिटावै. गुलकंदके साथ सनाय जो खावै. शर्दी सब दूर हो खाना बहुत खावै. मिश्रीके साथ सनाय जो खावै. तमाम बदनमें ताकत दिखावै. गाय के घीके साथ सनाय जो खावै. कोई दर्द नहीं सदा खुश होवै. asiके साथ सनाय जो खावै. जहर खाया होवे सभी दूर होवै. चोपचीन के साथ सनाय जो चालिस दिन खावै. आंखोंकी रोशनी सदा बढावै. आधा तोला सनाय पानी से जो खावै.
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