________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(१४६) रसराज महोदधि ।
२ मलहम. राल दो तोले, कपूर दो तोले, नीलाथोथाकी भस्म एक तोला, मोम दो तोले, सेंदुर एक तोला, केवला एक तोला, सफेदा एकतोला,सब कपडछान करके धीमें मिलाकर मलहम तय्यार करै इससे असाध्य भी जख्म अच्छा होवे और सब तरहका फोरा फोरी अच्छा होवे.
सबददैपर लेप. आंबा हरदी दो तोला, पियाज दो तोला, शहद दो तोला, चूना एक तोला, गुड एक तोला, तीसीकाचूरण दोतोला, सबवा एकमेंमिलाकर गर्मकरके जहांदर्दहोय तहां लगावै और ऊपरसे रुई लिपटावै सब दर्द दूरहोय.
पेटकी पीड़ाका लेप.. दोनों जीरा, बबूना, आंबाहरदी, रेंडीका तेल, ये सब मिलाकर गेंहूकी रोटी बनायके उसपर दवाई लगाके गर्म करके दुर्दपर लगावै तो अच्छा होय.
असाध्य रोगियोंकी छातीपर
। कफ रहनेका लेप. बनारसी राई, आंवाहरदी, महुआके फूल सब बराबर लेकर चुराय छाती पर लेप करे.
खांसीदमा नाशकवटी. बदामका तेल नवमासे, मधु तीन तोला, तीसीकी मैदा आठ तोला ये सब मिलाकर खावेखुराक छ मासे.
For Private and Personal Use Only