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(१३२) रसराज महोदधि । टंककी गोली बांधकर एक सबेरे एक सामको खाय तोछःप्रकारके बवासीर दूर होय.
२बवासीरकी गोली संखिया ६ मासे अँवरासार गन्धक एक तोला हरताल १ तोला हरै १ तोला यह सब दवा एकमें मिलायके परईमें रखकर दूसरी परईसे ढांपके कपडमिट करके सुखायके चूल्हापर रखकर पन्द्रह मिनिट आंच दे तब उतारकर दो तोले घी तावा पर रखकर दवा डारके घोटै दो पहर तब बाजरा बराबर गोली बांधकर एक गोली नींबूके रसमें बवासीरके मसापर लगावै तो बवासीरकी जड़ टूटै ६ प्रकारका बवासीर दूर होय इस दवाके माफिक दूसरी दवा नहीं और इस दवासे जड़ टूटती है और भगन्दर दूर होताहै.
अथ भगन्दररोगका बयान. ___ गुदाके दो अंगुलकी दूरपर बगलमें एक छोटा फोडा होताहै वह पीडाबहुत करताहै उसके फूटजानेसे भगन्दर होजाताहै वह भगन्दर पांच प्रकारका होताहै.
__ अथ भगन्दरका लक्षण. कसैली व रूखी वस्तुओंके खानेसे वायु अतिकुपित होकर गुदाके निकट एक छोटीसी फोडिया कर
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