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रसराज महोदधि। (१२५) मिलायके खुराक दो तोले या तीन तोले खाय और एक महीना सेवन करै तो खाँसी श्वास दमा बीस परमा अस्सी शूल चौरासी वायु सब रोग हरै. शरीर फूलके समान होय और बल अतुल्य होय. पुष्ट होय. इसका गुण बयान करने योग्य नहीं है.
पुष्टाईका पाक. बडा गोखरू छोटा गोखरू चिरैया कन्द कामराज मुसरी सफेद मुसरी स्याह सेमरका मुसरा तालमखाना पुलमखाना नागौरीअसगंध बीजबंध गुरुच कासत सफेद तुदरी बडी इलायची मिर्च दालचीनी कवचबीज दो २ तोले ले फिर दवा सफेद बहिमन लाल बहिमन मस्तंगी शकाकुल मिश्री सालममिश्री उटंगन सुरियाली तावा खीर तेजबल इमलीका बीज वंसलोचन गुजराती इलायची बेनउरका बीज विहीदाना सब एक २ तोलेले बबूल गोंद पाव भर गरी १ टंक बदाम एक टंक पिस्ता एक टंक छोहारा एक टंक किसमिस एक टंक पी अढाई पाव मिश्री अढाई सेर कै चासनी कर और सब दवा कपडछान करके दवा घीमें भंजिले तो चासनीमें मिलायके लड्डू बांधै एक एक लड्डू खानेको दे और खट्टा मीठा तीता वर्जित रक्खै परहेजसे रहै तो शरीर पुष्ट होय. शरीरका रोग सब दूर होय. गुण इसका बहुत है,
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