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रसराज महोदधि ।
( ११३ )
सोंठ, पीपर, लौंग, अकरकरा सब दवा साढे तीन २ मासे अफीम सात मासे ले अदरखके रसमें चना बराबर गोली बांधै फिर एक गोली सांझ और एक सबेरे खानेको दे तो कफ दस्त से उत्पन्न सब रोगोंको दूर करे. अजीर्णका चूर्ण.
हड, पीपरि, सोंचरनमक, वच, हींग बराबर २ ले कपड छानकरिके दो टंक पानीके साथ खाय तो अजीर्ण जाय. अजीर्णका दूसरा चूर्ण
हींग एक टंक, वच २ टंक, बिडनमक टंक सोंठि ४ टंक, जीरा ५ टंक, इड ६ टंक, पोहकर मूल ७ टंक कूट ८ टंक ये सब दवा कपड़छान करिकै सात मासे गर्म पानीके साथ खाय तो अजीर्ण और मूर्छा वायगोला इत्यादिक दूर होयँ. अजीर्णका चूर्ण (अग्निमुख)
हींग, बच, पीपरि, सोंठि अजवाइन, चित्रक, कूट सब दुवा बराबरि ले कपड़छान करिके छः मासे गर्म पानीके साथ खाय तो चारप्रकारका अजीर्ण, प्लीहा, कोढ, खाज, खांसी गोला शूल मन्दाग्नि जायँ कृमि रोगका चूर्ण.
वायविडंग. सेंधानमक, जवाखार, कसीला, हर्र सब बराबर ले कपड़छान करिकै गायकी छाँछमें दो टंक खाय तो कृमिरोग दूर होय.
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