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रसराण महोदधि। (७)
अथ धावको लेपन. जराया हुआ नीलाथोथा छामासे और मोम एक तोला घी दो तोला एकमें मिलाय गरम कर घावपर लेप करै तो उपदंश चट्टा फुन्सी सब दूर हों.
पुनःदूसरा लेप. करू तेल पाव भर मोम पांच टंक कवेला बारह टंक सिंदूर दो टंक शोरा दो टंक सुरदाशंख दो टंक सब बारीक पीस धीमें मिलाके मलहम तय्यार करै फिर जहां जख्म भया होय वहां लगावै तो बहुत जल्दी अच्छा होय.
अथ मलहम बनाने की विधि. सफेदराल छ मासे रसकपूर छ:मासे गुलावका तेल दो मासे सब एकमें मिलाके एकसौ दश दफे पानीसे धोवे तब घावपर लगावे तो सब प्रकारका जख्म दूर होय. _ मलहम बनानेकी दूसरी विधि.
नेनू एक तोला लेकर एक सौ दफे पानीमें धोवे फिर जख्म पर लगावे तो घाव फौरन् अच्छाहोय.
अथ बद का लेप. नागफनीका एक पट्टा लेकर उसको फाड़के आंबाहरदीका चूर्ण भरै फिर कपडमिट करके अनिमें मंजिले तब बदपर बांधे तो बद तीनदिनमें
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