________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir प्रैत्वितिवयाख्यातम् / खरेसादयति / मखायत्वेत्युक्तार्थम् मत्पिण्डमादाय महावीरङ्करोति / मखायत्वेत्युक्तम् // 7 // निहितमभिशति / मखसाशिरोसोत्यु लाथम् एवंद्दितीवटतोयौ / गवेधुकाभिः / ब्रह्मगुरुप्पतिः प्रये तुसूनृता // अच्छाब्बौर नय॑म्पतिधिस सन्देवावुज्न्नयन्तुनः // मुखायत्त्वामुखस्य॑त्त्वाशीष्गणे // मुखायत्त्वाम खस्यत्वाशीष्पर्णे // मुखाय॑त्वामुखस्यत्त्वाशीगणे // 7 // मुखस्य / / शिरः / मुखस्युशिरोसि // मुखाय॑त्त्वामुखस्यत्त्वाशीष्गणे // मुखस्य / शिरोसि // मुखार्यक्त्वामुखस्यत्त्वाशीष्र्णे // मुखस्यशिरोसि // मुखा। यत्त्वामुखस्य॑त्त्वाशीणॆ // मुखावत्वामुखस्य॑त्ताशीष्र्णे // मुखाय॑त्ता शिवम मुखस्वत्ताशीगणे // मुखाबत्तामुखस्यत्ताशीगणे // 8 // अश्व॑स्य 7.0 म्लक्ष्ण यति / मखायत्वेतिविभि मन्वेस्वीन्महावीरान् // 8 // अश्वशकतावधूपयति / अखत्वात्वाम् / For Private And Personal