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| नेविषे मरणवेताआगला नवनीसेस्या आवेषेस्याम नयी को जीवनो पपा पपरत्नवने विषे अन्नयी को जीवने ५८ जैसे अ-३० मिपरिणयाहिंतु। परणमतीर्थसाए 'नकस्सविनववान । परनवेअबीजीवस्स ॥५८ ॥ खे| स्या .स. सघलाए च० चर्मयेखाएनेसासमयनेविषेप सेस्यापपीपामति पैसाएं नः नयीकोई जीवनेपण प. परमवनेविषे नथिजीन साहिंसवाहि। चरमेसमयंमि। परिणयाहितु नझकस्सविनववाल । उपजबो परलवेअडिजी कोश्जीवने मागला लवनी सेस्यापरिण अंअंतर्मुनत ग गएयके अंअंतर्मुशन .सेवी सेष थाकनोहोयनिचारों पे खेस्या वस्स ॥५६॥ न पची ५३ अंतोमुशतंमिगए । अंतोमुत्तमिसेसएचेव । चपूरणे खेसाहि परत्नवनीप० परिणामे में जी- जीवजाए प परलोके एनसे मध्यसमयने विर्षकात करे त० तेमाटेए से सेस्यानी अअनुत्मा परिणयाहिं। जीवागबंतिपरलोयं ॥ ६ ॥ ६ तह्माएयासि सेसाणं। अए गरसरूपले विजाएगीने अब कृष्णा र नीस २ कापोतनीष मलीनेजो १ पद्म २सकस ३ आचरेने सुपीयाए। 5-श्रीसुधर्मास्वामीजंबूमती लावेवियाणिया। अप्पसम्मानवधिना । पसन्बान अहिलेजासि। तिबेमि ॥६१॥ | केडे६१ ३० इतिश्री खेसाअध्ययन चोत्रीसमो संपूर्ण ॥ ३७॥ मां अध्ययननेविषे बालेस्यानो स्वरूपको त्रपाललिसेस्याएअप||४२५ इतिखेसायांचनुनीसश्मसंमत्तं ॥३४॥गारनागुण एतेलगी ३५मांअध्ययननेविधे अणगारनागुण कहने.
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