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नुत्त लोगोचरीने प प्रवेशकरता पाठ हाथ नो रूर्षेसांबान थाए से श्रेयललो अन् गृहस्वावासएका श्मसाधु नन्नचिंतये २९ | |अ.२ २७ विषे साधुने
सजाएं करि मुजने लगी | गोयरग पविग्रस्त । पाणि नोसप्पसारए । सेन अगारवासोत्ति।इइलिस्कू नचिंतए॥ हवे पनरमा असालनो परिसह प गृहरूलना लो लोगन नीपने उने जसाचे अाहारे अन् अथवा नअन्तपे नहि परनेविषे श्राहारने गयेषे
साधे जीवनेहरषविषचा २९॥ परेसघासमेसेद्या॥ लोय परिनिदिए । सइपिसे अखड़ेवा । नाकतोद्यप दनकरे पंमित ३० अाज एक कदाचितम नयी पाम्यो असंलावनाए अाहारनो साल जोजोसाधु फासोचीदीन अब
कागखे कासेसई एणीपरें मनरहित . सात्मनो | मिए॥३०॥ अये वाहंनसलामि ॥अविसालोसएसिया। जोएवं पमिसंचिरके असा परिसह नेसाधूनेन पीछे ॥३१॥ हवे सोलमो नदजाएीनेनुपनो रोगा वेदनाएफरिङधे पीमयोधको अदीनपणारहिन था. पापेश्रा परिसहके.
माने लोतनतद्यए ॥३१॥ नचानुप्पइयंडुस्कं ।। वेयपाए हेचिए । अदीपो थावए
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