________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandie
|| पर खामे वे लोगने तेग्नोस् तर अरु बेपुत्रुकेमे नजाईस३० एकसोजाइस जश्न३५ बि. डांगीने जा मिलजुनीजसनीपरे अ.१५
पहयनिलोए तेहंकहं नाणुगेमिस्समिरको ॥ ३०॥ विदितु जाखं अबखंव रो रोहितजातना म मानसां जन्जेमजालमाथीनासीकाच कामगुपाने बांनीने धो० मारनीवहीने पोरीसरा सीन्सीलाचारजेन रोहिया मना जहा आपनमपुत्रपकामगुणेपहाय ॥ घोरेहं सीला तब नपेंकरीन प्रधान धीर धीर्यवंत जेलपी लि. चारित्रने चर आचरे डे ३५ कुमर बेतेलएी ऊपणा अंगीकारकरीस सानदारो ...घीरात लिस्कायरियचरति ॥३५॥
नहेवरकोंचासमश्क हवे पुरोहितनी नार्या केळे ना श्राफोसने विषे जेमक्रौंचपक्षी त विस्तीर्ण जान जासने दच्छेदीने हैं। हंससाजेमजाएनेम मंता पपा देसने नुसंधयेकरी विचरे. 'तयाणिजातापि दखिसुहंसा ॥ पर जाएडेपुज्बे पुत्रपुमा मारियक पूर्णम माहरा ने नेमाटे अऊ किसुंके नहिजाईसर एवषी ३५ पुन नेप्रर्जा पखित्तुपुत्ता यपईयमशं. तेहिकहं नाएगमिस्समिक्को ॥३६॥ पुरोहियं तं सोच्चा सौनतीने देवीकमलावती तन्नेराय इषुकारराजानो अनिख० वारंवार स. खेतां पुरोहितनेबोसती हवेकयत्भूतंपुरोहियं ||१५० सरुयं सदारं ससुयं पुत्रसाहिन सदारं स्त्रीसहित पुत्र सोच्चालिनिरकम्म नुपदेससलिलीनेमिनिक,
जान
For Private and Personal Use Only