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औ०१९ रा० २० जी० २१ प्रज्ञा०२२
सणपाणकासमुद्दग० सण्णी f० पुच्छा सत्तगद्गदुगपंचग सत्तट्ट जाइकुलकोडि सत्तण्हं थोवाणं सत्तपाण्इं से थोवे सत्त पाणूणि से थोबे सत्त भए अट्ठ मए सत्तभयविप्पमुक्को .
जं० २५ नि० २६ प्रकी०२७
२२-२४ | सत्थग्गहणं विसभकखणं २७-१०८ | समयखेत्ते णं भंते! २२-२५१सू० | सत्येण सुतिक्षेणवि
समय नक्षत्ता जोगं २५-१०३ सदहगा पत्तियगा २७-१२५१ | समयं वक्कंताणं
सहे रुवे गंधे रसे २७-११५८ |, ... सब्बेसु कसाएसु २७-१४०९ | समासीस परिच्छिणं | साधितिउट्ठाणुच्छाह
समाहारा सुप्पइण्णा २७-५०६ सन्नासु आसवेसु अ २७-१४३१. समिईसु पंचसमिभो
२७-९२ सन्निहिए. सामाणे २७-९९९ | समुण्णवेयणो पुण। २७-१४९८ सप्फाए सज्झाए २७-२०७ सभाए णं सुधम्माए २१-१४०सू० | समुइण्णेसु य सुविहिय २७-४८५ सभाए णं सुहम्माए समर्ग णक्खत्ता जोयं
सम्मग्गमग्गसंपट्ठियाणं २७-११६९ | समणिद्धयाए बंधो
सम्मत्तनाणदंसणवर० २७-४६४ समणेण सावपण य
सम्मत्तस्साहिगमे २५-८२ | समणोत्ति अहं पढमं २७-१२५ |सम्मत्तं समिइओ २७-११४५ | समणोमित्ति य ,, २७-२४१ | सम्मईसणचत्तं २७-११३५ | समणोऽहं ति य ,, २७-२५३२ । सम्मईसणरत्ता
२१-१७८सू०
२५-८५ २२-२६०
२२-९९ २७-८३६
२५-७३ २७-१४३० २७-१५३८
२७-२५४ २७-१७१९ २७-१७८७ २७-७४४ २७-६०६ २२-२२५ २७-१५०१ २७-१३२५ २७-१०४
सत्तमी य पवंचा उ सत्तरिसयं जिणाण व सत्तावीसं जोयणसयाई सत्ताहं कललं होइ सत्तेव य कोडिसया
,,, कोडीओ सत्तेव सहस्साई
॥६४॥
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