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औ०१९
सूर्य०/२३ हा चं०/२४
नि० २६ प्रकी०२७
दुण्हं आयरियाणं रा० २०४
दुण्हंपि रत्तसुक्काण जी० २१
दुपएसिए णं भंते! प्रज्ञा०२२ दुष्पणिहिए य पिहिऊण ॥४६॥ दुमखंधे बाहरंतेसु
दुविहम्मि अहक्खाए दूरत्थंपि विणासं दुरुझिअपत्ताइसु देवत्ते मणुअत्त देवत्ते माणुस्से देवाइ० पोराण मेयं देवा पं० किं सदेवीया
, केवइयं० ठिई देवाणंदा णिरई
र निरती देवावि देवलोए देविंदचक्कवट्टित्तणाई
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२७-१५६४ | देविंदचक्कवट्टित्तणाई २७-४७०
| देवे णं भंते ! महिड्डीए २७-१२६६ | देवो नेहेण णए ।
२७-९०५ देसं खित्तं तु जाणित्ता २७-१२५८ देसिक्कदेसविरओ २७-१६०४ | देहो पिपीलियाहिवि २७-७६६ | दो अच्छि अट्टियाई २७-६८२ ., उदहिकुमारिंदा
|, कोसे अ गहाणं २०-९सू० ,चंदा इह दीवे २२-३२४सू०
२२-२५सू २५-९६॥ , ,, दो सूरा २४-२२॥ २७-६१३ |, चेव जंबुद्दीवे २७-१९५ ,, चेव० नव य सया
२७-८३ | दो च्चेव सतसहस्सा २७-१४८७ | दोण्हं च पंच चत्तारि २१-१९३सू० | दो दो जंबुद्दीवे . २७ १७७१ , नालिया मुहुत्तो २७ ७२३ | दोन्नि अहोरत्त०
२७-६४ , सए छावडे २७-१६६४ | दो मासे संपुणे २७-५५७ ,, बाउकुमारिंदा
,, विज्जुकुमारिंदा २५-१२५ |दोससयगागरी] २१-७४
दो सागरोबमाई २४-७९ |दोसुत्थ अप्पमाणे २७-१०७७ | दो सुयणु ! सुपिणदा
२७-५०८ २७-४५१ २७ १०२८ २७-१६९८ २७--९४६ २७-९४७ २७-५७० २७-११०३ २७-१५८३ २७-९४४ २७-९५१ २७-५६४ २७-८८४ २७-१८६१४
,, हत्था दो पाया। २७-९७४ | धणिट्ठा सयभिसा साई २७-१०४० | धण्णा कलत्तनियलेहि
॥४६॥
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