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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shi Kailassagarsur Gyanmandir B औ०१९ सूर्य०१३ रा० २० जी०२१ प्रज्ञा०२२ ॥२५॥ २४-८३/ २७-२००९ २७-६१४ -२६-२ २७-२०२२ २२-२८ २७-२७३५ २७-८५३ चं०/२४ जं० २५ |नि० २६ प्रकी०२७ Boorx V ANWAVEVERANS yas) मा. श्रीकलाससागरसूरि ज्ञानमन्दिर बीमहावीर जैन आराधना केन्द्र चत्तारि य पंतीओ चरियाए मरणम्मि उ २७-१७३८ | चंदातो सूरस्स य " " " २७-२०६१ | चंदगविज्झं लद्धं २७-७०८ चंदा सूरा तारागणा ,, रयणीओ १९-१४ चंदण गेरुय हंसगम्भ २२-१३ चंदुव्य पिच्छणिजो २२-१६४ चंदणपयट्टिएहि य २७-९६४ चंदे सूरे सुके २७-१२१३ | चंदमंडलस्स f० केव० २५-१५५सू० चंदेहि उ सिग्धयरा ,. सहस्साई २१-४३ चंदमंडले णं० केवइयं० २५-१४६सू० चंपगजीह णीइया २४-४६ चंदविमाणे पं० कति देव०२५-१६८सू० चंपासु णदगं चिय २५-१२७ देवाणं० २५-१७३सू० चाउहसि पन्नरसिं चत्तारिं च सहस्सा २७-२०४७ , भंते! २१-१९९सू० चारित्तस्स विसोही चमरवारोअणाणं ., किं० २१-१९८सू० चिरउसियवंभयारी चमरस्स f० कति परि० २१-११९ ,देवा० २१-२०६सू० चिंतामणी अउव्वो चमरस्स सागरोधम० २७-९५६ चंदस्स ० कइ अग्ग० २५-१७२सू० | चितेह य खरकर० चमरे धरणे तह वेणुदेव० २७-९६७ ,, , कति , २१-२०३सू० चुलहिमवंते णं वास० . , वेणुदेवे० २२-१४४ चंदहोराबिलग्गेसु चुलसीई किर लोए चयणोववायउच्चसे २४-५ चंदाउ नीर जुण्हा २७-१३८० | " " " चरणाईयाराणं २७-६ चंदाओ सूरस्स य । २७-२०८२ चोत्तालं चंदसतं चरिमे गं पुच्छा २२-२४५सू० २१-७८. चिोयालं चंदसयं २७-१३० २७-४४२ REAKERALAXARANA २५-७६सू० २७-१४७४ २७--१७३ २४-४५ २१-४२ ॥ ७ ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020842
Book TitleUpang Prakirnak Sutra Vishaykram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Pustak Pracharak Samstha
PublisherJain Pustak Pracharak Samstha
Publication Year1948
Total Pages183
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size10 MB
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