________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निकी माहअनरिशासुपस्ताविना इनारदपरतोहिवार्पिस्मृतोसत्यामनयाने नुगमन नियमोन॥ तटुपरतो अनुगमनकर्नयना आवश्यकीनभवतीतियावत्॥ अत्रापिपूर्वोक्तायाज्ञवल्क्यस्मृतिरेवमूलं // अथदस्पर्शनेतहत वहनेचदोषमाहः // शूदेःस्पष्टोथवोटोयरिति॥ यादमृतः॥ प्रेनःशट्रैःस्पष्टः वर्षायःपूर्वमूनहिशरटुपरतोनानुयाननियामःशूटेम्प योथनोटोयदिभवनिनःप्रेतभावान्नमुक्तिः॥२४॥ ॥अथवारदोभवनितदातस्यप्रेनभावान्नसक्तिःएनटुक्तंसत्सब्राह्मणारि चितिज्ञेयं नथाचमनुः॥ नविप्रम // 28 // निष्ठत्सुमतंट्रेणहारयेत्॥अस्वात्याहुनिःसास्यासंस्पर्शदूषिते // 24 // // 5 // For Private And Personal Use Only