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सोमसेनकृत त्रैवर्णिकाचार, अध्याय तिसरा. पान १३९. Bawasaaraaaaaaaaaamwomenerenceenanveeowweres
पंयामि ॥ ॐ ही सर्वसाधुपरमेष्ठिनस्तर्पयामि ॥ ॐन्ही जिनाँस्तर्पयामि ॥ ॐ हीं अवधिजिनांस्तर्पयामि ॥ ॐ न्हीं परमावधिजिनांस्तपयामि ॥ ॐ व्ही सर्वावधिजिनांस्तर्पयामि ॥ ॐ हीं अनन्तावधिजिनांस्तर्पयामि १०॥ एवं ११ ॐ हीं कोष्ठबुद्धींस्तर्पयामि ॥१२ ॐ हीं बीजबुद्धीस्तर्पयामि॥१३ ॐ हीं पादानुसारिणस्तर्पयामि॥१४ ॐ हीं सम्भिन्नश्रोतुंस्तर्पयामि ॥ १५ ॐ हीं प्रत्येकबुद्धांस्तर्पयामि ॥ १६ ॐ ही खयम्वुद्धस्तर्पयामि ॥ १७ ॐ हीं बोधितवुद्धास्तर्पयामि ॥ १८ ॐ हीं ऋजुमतींस्तर्पयामि ॥ १९ ॐ हीं विपुलमतीस्तर्पयामि ॥२० ॐ ही दशपूर्विणस्तर्पयामि ॥ २१ ॐ हीं चतुर्दशपूर्विणस्तर्पयामि ॥ २२ ॐ हीं अष्टाङ्गमहानिमित्तकुशलास्तर्पयामि ॥ २३ ॐ हीं विक्रियर्द्धिप्राप्तांस्तर्पयामि ॥ २४ ॐ ही विद्याधरांस्तर्पयामि ॥ २५ ॐहीं चारणांस्तर्पयामि ॥ २६ ॐ हीं प्रज्ञाश्रवणांस्तर्पयामि ॥ २७ ॐ हीं आकाशगामिनस्तर्पयामि ॥ २८ ॐ हीं आस्यविषांस्तर्पयामि २९ ॥
ॐ हीं दृष्टिविषांस्तर्पयामि ॥ ३० ॐ हीं उग्रतपस्विनस्तर्पयामि। baseeowww.aava
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