SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 283
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २६४ - nued CAS - - स्तलगावैऔरजीपीठ की तरफ दोनों चूतडों कैवी चमैलेपकरेतीकुफ के दस्त लावै॥विधिातुर मसअर्थातभटवासछिलीहुई१छटॉक देगची में भरे औरगाय को दूधवामें इतनोंडालेजोवहड्वजा य फिर इतनीयाचदेजोदूधसवसषजाय फिरपीस के गायको घी मिलाके काम में लावपतलोलेपा जोअंडकोशपरकरैतीउतरेहरानको चडावे और अंत में रहने से रक्षा औरवंदकरविधि नफीमदो माशोसंदा विरोजाईमाशेापानी में पीस के ९कपड़ाके टूकपरलगा के चाकेरुपरमाशेलोवा नऔरछेमाशे माजूफल चूरन करके बुरके और थं डकोशपरवाचूना कोनयासरसों को तेल चुपड़के वहकपडाराधे और वाँधदे और पहरपीछेफि रवदलेोर-यातचडजाने के पीछेभीथोडेदिन लगाती रहै।चटनी॥जीपुरानीयाँसीचौरज्वर कोदूरकरै|विधि॥छोटीइलायचीसुपेदवेशला चना छै२माशे छोटीपीपरनगरादालचीनीभा शे। चूरन करके चटनीलायकशहत में मिलाके माशेरभरपातकालौरदुपहरीरसंजाकेसम यचाटाकपाकाजालीनूसनेवनायाहैजोमि रगीरोगके दूर करने में जादूकेसदृश हविधिाथ करकरा५तोलेचूरन करके...."५ तोले सिरको मेंघोटै-औरत्तोलेपाहत मिलावैौरमानामा शेचारकी नित्यपाकेत्तोलेपानी पीलीयाकापा काजकरीयाराजीके वेटानेवनायाहेजोयहभी। - - - - - - - - - - pimaav - - n a For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy