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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २५३ - अवीधमोती गातीनरमाशेविल्लीलोटनके वीजा विजौरे केछिलका।पिस्ताकेछिलकाादों नों-चंदना गुलावकेफूलाराम तुलसी के वीजासु पेदवंशलोचना नों२माशे।कहरुवा। पुषराज। लोंगाकेसराकपूररापाँचश्माशेकवाव चीनी। दोनों वहमनादालचीनीनगर।छिलोधनियों नरकचूरागावजुवा के फूलाग्रामले।जरिएक सातमाशासुपेदमित्रीश्राधसेर।गुलावजल और केचड़े केर्क में चाशनी करके वनावैमा फर्रहमादिला जोजोडोंको वल प्राप्त करें और वावले पने को दूर करे और दिलीरवहम को पालीकविधि|गावजुवों के पन्ना। कहरवा धनियोंछिलोरेश्मक वरो।सुपेद बहमनागला वकेफूलाविजोरेकीछिलका। कुलफा केवीज सुपेद चंदनासव वरावरलेके तिगुनी सुपेदभिः श्री में मिला के वनावैगमफरहाजोइन्द्री कोवा लप्राप्त करेऔरदिल को श्रीरकलेजाको ताकत देऔर वीर्यको पेदा करै स्त्रीप्रसंग में सुषउपजा वैनौरपेड़कोनोरनरों कोपाक करे और इन्द्री कीगलीताकोमिटावै॥विधि|शका कुलमि श्री कुलीजनासालवभिश्री।दोंनोंधहमनादोंनों तोदरी। इंदरजौहालों के वीजागोधरूपसलजा मकेवीजाघरबूजाकेचीजोंकीमीगीरवीराक कडी के बीजों की भीगी। सुपेदपोस्त के दानाकर्ड कीभीगी विनोलेकीमीगी।नों२माशेजायफल - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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