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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २४ अगराएकरतोले वरावरकीसुपेदभिश्री और नेपाहत मेंपाकचनावैामाजूनासालवाना तासालमपाकजोइन्ट्रीको प्रवलकरै-ौरवीर्यको गाहोकरै॥विधि॥सालवभिश्री५तोलेाशका कुलभित्री३तोलाप्रकरकरा कुलीजनासमंद रसोषाभिलायेकीभीगी।असगंधएकरतोलेापी पराभस्नंगी।हालमके वीजाजायफलासोंठादों नों वहमनादोंनोंतोदरी।छेमासे।छिलेसुपेदति लाकाँचके वीजोंकीमीगी। गाजरके वीजाएकर सोले जावित्री केसरतीन२माशासवकीवरावर सुपेदकंद और तिगुने शहत मेंपाकवनावैमाचार माशे से माशेताईसंजासवेरेंधायाकमाजन गलूलवीयर्यात मोतीपाकप्रतिगुणदाताजाली नूसकीवनाई.ईहजोइत्रीकेद्रढकरने में बडेगु साराषैऔर स्त्रीघसंग के समय माशेषाकेथोडो सोगरमपानीपीलेाविधिप्रवीधेमोती।मूगा। पांच२माशेनेसूसुपेदवहमन दश२माशाका कनजाइश्क पेचाकेबीजचारमाशेफिकाहा अरवररानांगरमोथामाईसजादालचीनी नेत्र वालामस्तगी। तीनरमाशावरको गोंदा कठी| ए दोरमाशापरावरके पाहत पाक बनावैगामा नाभित्रीजोभिन्नाकेबैद्यों में बनाईहै इतके ढकरने मेंतुल्पनही राषतीहै।।विधि गाजर केवीजामूलीकेवीजासलजमके वीजाशका कुलभित्रीसालवभिश्रीपीपराभूलापीपरम - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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