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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २७५ - - - थको दूर करे विधि।गुलावके फूलश्तोलामो सन कीजड डेड तोलेरिवनचीनी।धुलीलाघ, २भाशेतजाकेसरातीन२माशानाधपाव शहत स्वालिससिरकाछटाकभर में मिलाके चाशनीक रके मिलावै॥माजून रेवंद।।जोकलेजा के साथ र कीपीडाऔरलदर-मोरगर्मी कीभीपीडाको गुणदार यक है। विधिारेवतचीनीवचाभ्रजमोद कीज डासोफाअनेसूअजमायनाहल्दी। धुलीलाषा सववरावरलेके तिगुने पाहत मेंपाक वनावै॥मा जनासगफ्यून के वेटेकीजोपड़ौरनरेन की पथरीको तोड केनिकालेाविधि॥वीकीभ स्मरतोलासोठामाशे।भुपेदभिचीकाली मिर्च माठमाशे काक नजदेडतोलासीसेकीभस्म माशामुरगी के अंडाकैछिलकाकीभस्मजामेंसे वञ्चानिकलपडाहोहजरुलयहूदापोदीना। २माशे तिगुने शहत मेंपाक वनावैऔर कालेचा नाविडेगोषस्सातरमाशेकोकाडोयापाक कोपाय के ऊपर से पीवेमाजून हजरुलयहूदनोपे इौरमरों कीपथरीको गिरावै॥विधिमीठे। घीयाके वीजों कीभीगी।षीरा ककडी के बीजों की भीगी।घरधूजाकेवी की भीगी। काकनजाडेड तोलाहजरुल यहूदनों तोलातिगुने शहतमें माजून वनारायवाहिजरुलयहूद.लो ले। काकनजानेन्नवालाधर वूजाकीमीगीगा अरके चीजाजमोदा करडकीमोगी।अनेसू॥ - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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