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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org २४३ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir र के रुधिर को बंद करै ॥ विधि।। सुधी लोहे को मेला | तोले| काली हर्ड । वहेडे। यामले । माई। मों२ माशे । ना लड अजरवरा नागर भोथा । है२ माशे । दूनी सुपेद भि श्री मिला के पाक बनावै ॥ माजून ॥ जो हाथ पाव मूंह पर सूजन खाने खोर मस्तक मोजलंधर खौरनदर श्री रसवजोड़ों केसी तरोगों के गुण दायक है। विधि ॥वाल) चीनी कब्रकीजद को छिलका। विशफायजा जरवर डेट २ मोले । केसर ९ तोले। बालछड। मीन तोले। नेत्र बाले रेवत - चीनी । मीठो कूठ । मजीठ। नागर मोथा । एकश्तोले चूरन करके रोगन बाबूना में मकरो के तिगुने शहन में मिलावे ॥ माजून ।जो गठीया वाय खौरम्पूल को गुण | करें | विधि ॥ शो रन आन दो बोले । सनाय मक्की १तो. जीरह। क्रमानी। पीपरा मूल नों५ माझे । तिगुने शहत ||में पाक बनावै ॥ माजून मसीही। पीठ और पांवों की पीड़ा को गुण करें और वमन लावै खौर उदर को बल | घाप्त करें ]] विधि ॥] गुलाब के फूल | नागर मोथा । तत ली। अकरकरा । लौंग । बालकड| मस्तंगी। नर कन्नूर । कैंसर । दोंनों इलायची। जायफल । सब बराबर सौर स व से तिगुणी कंद और शहल लेके पाक बनावै॥माः जून।] अर्थात् चोव चीनी पाक जो सीन विकार और ठीया और बात गाधखोर जोडोंकी पीडाजी बहुधा करम के उपदंश से होय ताको अत्यंत सुया वामक हैं | विधि ॥ चोव चीनी नो तोले। लोग। आयफल। आवित्रीं । गुला व के फूल | केसर। छोटी इलायची के दाने। नर कचुर । कुलीजन। नागर मोथा । चार२ भाशे । दाल-चीनी। का For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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