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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir .: ९७४ - - - - - -- - P - - घोटकेगोली वनारासमय परशरावदुलातशीमें।। घिसके सुपारीछोडकेतिलाकरे मोरपानसेवोधे। ॥तिला जोनामर्दौरसुस्तीवाले को गुणदाय क है-माज मूदा है।विधिपकनेरकीजडकोछि लकासुपेद चिमिठी।साधरपाचा कडवोकूट। जमालगोटादो२तोलेोचूरनकरके१५सेर गायकेद्र धरवूवमिलाकेपकावैमोरदहीजमाकेषात काल४सेरपानी मिलाकेविलोके मापन निकाले। औरमठा कोगाडदेजोयहविषके समान है और माधनकोतायकैराधेऔर इन्द्रीपर लेपकरकेषा नसेवाँधेनौर१रतीकेप्रमारण पान में घर केषाया करैतो१५दिन मेंअच्छाहोजाय॥तिला जो बदको दूर करै विधिशरत चंदनागुलावके फूलाचीनीयौरसोतासुपारी।छैरमाशा केसर २माशाहरेधनिये के रस मेंतथाहरीमकोयरस में पीस केतिला करै।प्रथवागरक्तचंदनागेरू रसोताएलूशामिकाकीयानिोरमाशे।अफीम ९मासेोकेसरहरनी। हरीमकोयरस में वाधनिये मेंपीसकेतिलाक तिलाजोगरमीकेघाव और चटौरफुनसीयों को दूर करै।विधिह रतालापारोतीन२माशाजमायनघुरामनीरतो ले गायकोचीरतोले फूलकासीके वासनमेंनी मके घोटाले घोटके लगावै॥ फसल कक्यासी॥ ||गुदाके रोगरकरने के तिला मितिल - - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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