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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २७२ - - - - - - - लोगामसंगीफिटकिरीचाररमाशीचूरन करके लावजलमेंघोलकेलगावैनथवा मुसिंग। गुलावजल में घोलकेलगावैनथवागलीला|| थोथाभागा कपूरभागागुलावजलापीस के लगावै॥ फुसल अस्सीवी अंडकोश और इन्द्री औरजांगकी जडकेरोगों के दूर करने के तिलाञ्चों में तिलाजो अंडकोशकी सूजनकोदूरकरै॥विधिकाकनजापोस्तकेडो डाजीकोचूनामहरकोचूनावरावरलेके सुगी के अंडे कीजदौ औरगलरोगन मिलाकेतिलाकरेगा यथवा गेरूपरसोतएकर तोलासोंठ४ भासे। नोनको पानीहरीमकोय तथाधनिये के पानी में पीसा केलेपकानथवागुलवाचूनायिजमयनर करतोलेासषीतमायके पन्नाछेमाशापानी में पीसके|| प्रोतागुलरोगन मिलाकेगुनगुना करके लगावै ॥तिलाजी अंडकोशकीमुटाईको दूरकरैथि धिाकुरंडपत्यराचौरपुरानीवक्की कोपत्थरावराणा वरलेके हरेधनिये केपानी तथामकायकेपत्तों के || पानी में पीसकेलगायाकतिलाजोगंडको|| श-और इन्द्रीमानकीघुजलीकोदूरक विधि एस्लूमानिोसादरगेंहूं कोसता गुलावंकेफूलदी। नौचंदन गुलावजलतथापानी में पीसकैयोडासि|| रका मिलाके लगायेतिलाइन्ट्री की टेहे और गोंकीसुस्ती कोगुणाकरै निधि सफीम३|| - resouhammarnamom T - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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