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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १६६ - Mumucomim - D - पकज़माद|जोधासारचौर और गिरपडनेकी चोटकीस्पाही कोदूर करे॥विधिमटरकोचूनाच ना कोचूनाछडीलाअलसीके वीजनोरमाशालाल वूरोमांशकाली मिरचमाशायोडे सिरका में मि| लाकेलेपकरै। भफसलसततरवी॥ पथकरलेपों में जमादा जोधोडरको दूर करै॥४॥ ॥विधिवाकलाकोचूनामाजूफलाघअनारको लिलकाराकरतोलेापानी पीसकेपुरगीकेअंडे का छिलकारतोले चूरन करके मिलावाजमादाजो गडाकीदूर करै|विधिमसूरको चूना अनार को छिलका गेस्रगुडपुरानोंवरावरलेके केगडाकेलास पासलगावैचोरउस्के ऊपर कोईदवानलगायही ततवीरगुणदायक है। ज़माद जोशरीरकीकांती | कोवहावै॥विधिवाकलाको चूनाचनाकोचू नाडीला।वादामकीमीगीछिलीह घरवूजाके वीजाषीराककडीकेवीजासमुद्रफेनासववरावर लेकेगायकेदधर्मपीसथोडाशहतमिलाकेलेप कर औरएकपहरपीछेधोडालाजमादाजो। कांदाश्रादिशरीरमें चुभजायनाको निकालाविस धिगनेकीजडाजराबंदमदहरजावरावरलेकेपी सकेशहत मिलाके लेप करीजमादाजोसापके काटने केघाव में पहलेसूजनमाजानेकोसोषलेवे ॥विधिवहलाप्याजजंगलीजवासेकेवीजा ||मटरको चूनावरावरलेकेमदरापीसकेलेपकरे|| - - - - - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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