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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ९०७ - -mo r e-me - mm mamaeni me m -A emation meani - o - an - mram भालू के हरेपनामाककेपलाध्चारश्तोलेकुच लरस निचोडेवारस में छतोलेसरसों का तेला लकेपकावेजवरसजलजायनवकामलावैतो सुधारामहोय॥ फसलतीसवी॥ गिर पड़ने की चाटों आदि औरतलवार के घाव कोदूर करने केलेलों मेंगरोगनदेवदार अग ले लोगों की क्रिया औरमातवरपुस्तकी संपत्यक्ष हुईहै जो चोटलगजानेको ओरगिरपड़ने कीची टकीसूजन की औरपीडाकोदूरकर औरधावभर लाने करामातकीजगहहे लैंपकरनातथाटप काना तथाकपडापारुई भिजो केमसअस्थानप रषभाराचाहिये।विधिाओवाहल्दीदेवदार मुल्हटीदारहेल्दी दोर तोलोरखूवचूरनकर यो रोतोलेभाउके मकानकायोमिलाके थोडी दरघोरकेपावपानीमें मिलाकेपकावैजवा घापानीअलजायसवडेठपावतिली कातेलमि|| लाकेबदस्तूरमंदी-माँचपरपकावैजवसवर पानीजलजाय औरतेलकालानपडनेपावेतव आँचपेसें उतारले नीरहकीभगीलानीनेअप नेतजएवातलिषाहै केजोयानेल में वहरोजा मिलाकैलणवैनोराहीमाके कोतथा पुराने औरददी को दूर करें औरजोसीतलाकैफर फोलासडगयेहाँ औरउनमेंघावृपड़गयेही तो योडाकपूरउसमें घिसके लगावैरोगनशे - - - -- - - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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