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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir n - mea - . - था।केसरालोगोशोरनजान भीगाजायफल।। जावित्रीमस्तंगी।अनीसापोस्त के डोडाठिो टीइलायचीशलाचनागुलाब के फूलासुपेद चंदनावालछडा-गरादरुलजमकरवी।बूजी दावमूरको गोंदभुनादालचीनीयसषस के दाने रवुरासानीजमानाएकरतोलेसालवमिश्री शका कुलमिश्रीदोदोतोलेाचूरनकरकेवादाम/ रोगन मेंभकरोकेवाधपावसुपेदमित्रीयाधपाव|| गुलावजल चाशनीकरकेबादवाको मिलाके गोलीधनावै॥हवामस्तीलाती है स्थंभ नकर तीहै।विधि। जायफलाकुलीजनासालवमि श्रीएकरतोले जावित्री निरविसी।छेदमासे। सफीमतीन मासेलेके चने केषमारगगोलीवनावे ॥इववाजीकरणमनकोघसन्न करनेवालीगो ली।विधिनेनवाला।केसराजमोदादाल चीनी वालछडाछै छैमासारखुरासानीभजमाय नानरकचूरासकरकरा।लोगाजावित्रीवमूरको गोंदासीनरमासाअफीम चारमासेलेके गुलावज लमेंगोलीवनावै॥हवनस्फहानी॥चिनकोवि शेवप्रसन्न करें।ओरवलवानकरैनोरमुर्तप्रमेहा कोदूरकरै॥विधिाचसीदरूनज-प्रकरवीसाल वभिनीनोंनोंभासेनिर्विसीतीनमासेोपीस्तकेडो हाकेपानी में गोलीवनावेहवहीदी। स्त्रीधसंग मँधिनपसनकरे और स्थी नकर मैथुनकेसम पएक गोलीधानालाचत है।विधिभिशपंटजला - - For Private and Personal Use Only
SR No.020831
Book TitleTibba Ratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
PublisherKanhaiyalal Munshi
Publication Year1882
Total Pages292
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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