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स्तवन विभाग
१. आंखडीए में आज शत्रुंजय दीठो रे
आंखडीए में आज शत्रुंजय दीठो रे, सवा लाख टकानो दहाडो रे, लागे मने मीठो रे... सफल थयो रे मारा मननो उमाहो,
व्हाला मारा भवनो संशय भांग्यो रे, नरक तिर्यंच गति दूर निवारी, चरणे प्रभुजीने लाग्यो रे.
मानवभवनो लाहो लीजे,
व्हाला मारा देहडी पावन कीजे रे, सोना रूपाना फूलडे वधावी,
प्रेमे प्रदक्षिणा दीजे रे. दूधडे पखालीने केसर घोली, व्हाला मारा श्री आदीश्वर पूज्या रे, श्री सिद्धाचल नयणे जोतां,
पाप मेवासी धूज्या रे. श्रीमुखे सुधर्मा सुरपति आगे, व्हाला मारा वीरजिणंद एम बोले रे,
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त्रण भुवनमां तीरथ मोटु, नहि कोई शत्रुंजय तोले रे.
ईन्द्र सरिखा ए तीरथनी, व्हाला मारा चाकरी चित्तमां चाहे रे;
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