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३८. तमे एकवार पालीताणा आवजो रे.... (राग - पेला शेत्रुंजयना डुंगरावाला)
तमे एकवार पालीताणा आवजो रे, तमे आवीने आदिनाथ भेटजो रे० सोरठ देशमां पालीताणा गाम छे, शेत्रुंजी नदीना तीरे ए धाम छे; हे तमे आदिनाथ आदिनाथ बोलजो रे० सिद्धशिलानी बेटी तलेटी छे, बाबुना देरानी ज्योति तो मोटी छे; हे तमे श्रीफलनी जोड साथे लावजो रे०
देश विदेशोथी यात्रालु आवता, आदिनाथ दादाना गुणला गावता; हे तमे सूरजकुंडमां नाहजो रे० रायणवृक्ष नीचे पगलां सोहामणा, पुंडरिक गणधरना दर्शन लोभामणा; हे तमे शांतिनाथ दादाने देखजो रे० नवनिधि करती नव दूंको छे सारी, घेटीना पगले मूर्ति छे मनोहरी; हे तमे मोतीशानी ट्रंके आवजो रे०
३९. मारे रे सिद्धाचल
( राग प्रभु तारुं गीत मारे)
मारे रे सिद्धाचल जावुं छे,
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