________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३५. तमे आदिनाथ आदिनाथ
(राग - ताली पाडी अरिहंत) तमे आदिनाथ आदिनाथ बोलजो रे, तमे प्रेमे विमलगिरि भेटजो रे० तमे सोरठ देशमां आवजो रे, मारा दादाना गीतो गावजो रे० तमे नव्वाणुं यात्रा करजो रे, पछी कर्मोना डेरा काढजो रे० मोटा संघ लइने आवजो रे, सोनारूपाथी गिरि वधावजो रे० दादा सेवकनी अरजी धारजो रे, तारा भक्तोने पार उतारजो रे०
३६. सिद्धगिरि भेटवा जइए... (राग-प्यारो प्यारो रे पास जिणंद मने प्यारो) सिद्धगिरि भेटवा जइए... चालो चालो रे(२) सिद्धगिरि भेटवा जइए, मरूदेवी मातानो नंद बिराजे, महिमा जगमां गाजे रे० कामी कपटीने केइ पापी, आ तीस्थमां आव्या, मुक्ति निलयगिरि दरशन करता, झटपट मुक्ति पाम्या रे० श्री सीमंधर महिमा भाखे, शत्रुजय गुण बोले, त्रण भवनमा तीरथ न आएँ, कुण शत्रुजय तोले - रे०
१२७
For Private and Personal Use Only