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श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि ......सुगंधेश्चंदनैर्यजे ।।२ ।। चंदनेन अर्चयामि स्वाहा (चंदन पूजा)२ .....उत्तमैः कुसुमैर्यजे।।३।। कुसुमैरर्चयामि स्वाहा (पुष्प पूजा)३ .....अक्षतैर्यजे ।।४।। अक्षतैरर्चयामि स्वाहा। (स्वस्तिक करवो)४ .....चारुभिश्चरुभियजे।।५।। नैवेद्यरर्चयामि स्वाहा (नैवेद्य पूजा) ५
दीप्रभैर्दीपकैर्यजे।।६ ।। दीपेन अर्चयामि स्वाहा । (दीपपूजा) ६ .....गंध धूपैः शुभैर्यजे।।७।। धूपेन अर्चयामि स्वाहा (धूप पूजा) ७ .....पूगमुख्यैः फलयजे ।।८।। फलेन अर्चयामि स्वाहा । (फल पूजा)८ .....अर्घपात्रेण संयजे।।९।।अर्येण अर्चयामि स्वाहा । (अर्घ्य पूजा) ९
बीजा श्लोकथी नवमा श्लोक सुधी प्रथमना त्रण पाद प्रथम श्लोक प्रमाणे समजवा. (इति अष्टप्रकारपूजाष्टकम्) (५) मन्त्रध्यान ॐ असिआउसादज्ञाचातेभ्यो नमः १०८। असिआउसादज्ञाचात नमः २०८ । असिआउसा ३०८। अहँ ४०८ । अ ५०८. __ आ पांचमांथी कोइपण मन्त्रनुं साथे लखेल संख्याप्रमाणे ध्यान कर।
(६) आरति मंगळदीवो, चैत्यवंदन कर. आज्ञाहीनं क्रियाहीनं, मंत्रहीनं च यत् कृतम् । तत्सर्व कृपया देवाः, क्षमन्तां परमेधराः!।।१।।
।। इति श्री सिद्धचक्रपूजन विधिः समाप्तः।।
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