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वार्षिक दान
६३ दीवाली-तिथि ऋषभदेव-वैराग्य ६४ २०-स्थानक
१०७ ऋषभदेव-भोजन ६४ कल्याणक-३,२ (६२) १०८ देवदूष्य- .
६४ . (१७० तीर्थकर) ऋषभदेव लोच
आश्चर्य अनार्य विहार नग्नता
६६ १ ओर स्थानमें जन्म मारुदेवा-मुक्ति ६७ २ पुत्री की प्राप्ति (धनुष, गजासन) . ३ अवधि प्रकाशन कुमार-तिर्थकर ६५ ४ जिन-उपसर्ग (पुराणो का मतभेद) ६९ ५ ओर स्थान में मोक्ष. १११ व्याह के दि० पाठ ७१ ६चक्री-मानभंग स्त्री तीर्थकरी
७४ ७ वासुदेव-मृत्यु मुनि सुव्रत-गणधर ७४ ८ शलाका ५९ । (मल्लीनाथ-वर्ण)
९ नारद रुद्र (नेमि दीक्षाकाल)
१० कल्कि-उपकल्कि ११४ वीर-२७ भव :
विच्छेद गर्भापहार
(आ० कुंदकुंद) वीर-अभिग्रह
ब्राह्मण कुल ११८ मेरु-कंपन
बड़ी-आयू वीर लेखशाला
' (भद्र० चंद्र) (आ०धरसेन) । वीर-विवाह
१ अट्ठसयसिद्ध (जमाली-निन्हव)
२ असंयत पूजा देवदुष्य-दान
३ हरिवंश
१२२ वीर छींक
७२ ४ स्त्री तीर्थ वीर-उपसर्ग
८० ५ अपरकंकागमन १२८ (आगमशैली, प्राणीवाचक वन- ६ गर्भापहार (गर्भ विज्ञान) १२८ स्पति, प्राणीजैसेनाम,वीरअहिंसा ७ चमरोत्पात रेवती परिचय, रोग स्वरूप.मल ८ अभाविता पदिषद् पाठ, कपोत-मज्जार-कुक्कुट- ९ उपसर्ग
१३७ मंसए के अर्थ)
१० सूर्य-चंद्रावतरण १३७ वीर निर्वाण वर्ष १०७ (मृगावती)
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