________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Ex+x+x+ रु० यतिठ हवामहेनिधीनान्त्वानिधिपति-हवामहेश्वसोमम // आ ? हमजानिग धमात्वमजासिगर्भुधम् // 4 // गायत्रीत्रिष्टुप् // गायुत्रीत्रिष्टुप्जगत्यनुष्टुप्पंक्त्यासह // बृहृत्युष्णिहाँकुकुप्सूचीभिः शम्म्यन्तुत्वा॥५॥ द्विपदायाश्चतुष्पदास्त्रिपदायाश्चुषट्पदा०॥ वि च्छिन्दायाश्चुसच्छन्दात्सूचीभिःशम्म्यन्तुत्वा॥६॥सहस्तोमार // |सुहस्तोमात्सुहछन्दसऽआवृतःसुहप्पमाऽऋषयत्सुप्तदेव्याः // हूँ पूर्वेषाम्पन्थामनुदृश्यधीराऽअन्वालेभिरेरत्थ्यो नरुश्श्मीन् // 7 // x+ +S For Private And Personal Use Only